श्री गजानन महामाला मंत्र

सोमवार, 17 फेब्रुवारी 2025 (14:34 IST)
ॐ इदं व्विष्णुर्व्विच क्रमत्रेधा निदधेपदम्।
समूढमस्य पाग्गुं सुरेस्वहा।।1।।
त्रीणि पदा व्विचक्रमे व्विष्णुर्ग्गोपा अदाब्भ्यः।
अतो धर्माणि धारयन्।।2।।
तव्दिष्णो: परमं पदग्गुं सदा पश्यन्ति सूरयः।
दिवीव चक्क्षुराततम्।।3।।
ॐ नमो भगवते गजाननाय!
दर्शन मात्र दुःख दहनाय!
विदेह देह दिगम्बराय!
आनंद कंद सच्चिदानंदाय!
परमहंसाय अवधूताय!
मनोवांच्छित फलप्रदाय!
अयोनिसंभव महासिध्दाय!
"गण गण गणात बोते महामंत्राय"!
सर्व यंत्र,मंत्र,तंत्र,स्वरुपाय!
सर्व सम्पुट पल्लव स्वरुपाय!
ॐ नमो महापुरुषाय... स्वाहा(नमः)!!
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