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मास्तर : बहूनि मे व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन! याचा अर्थ काय ?
बंड्या : माझे अनेक जन्म झाले आहेत पण तुझा जन्म चार जूनला झाला आहे !
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मास्तर : ...बरं आता सांग...
"दक्षिणे लक्ष्मणोयस्य वामे तु जनकात्मजा" याचा अर्थ काय ?
बंड्या : दक्षिणेकडून लक्ष्मण आला आणि म्हणाला... जनका... तुझी मजा आहे !
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मास्तर - बंड्या, याचा अर्थ सांग
" हे पार्थ त्वम् चापि मीम: चापि...!"
बंड्या - हे अर्जुना, तू (शांतपणे) चहा पी, मी पण पितो.
मास्तरांनी चहा कायमचाच सोडला.