Varad Lakshmi Aarti Marathi वरदलक्ष्मीची आरती
मंगळवार, 5 ऑगस्ट 2025 (15:54 IST)
वरदलक्ष्मीची आरती
जयदेवी जयदेवी श्रीलक्ष्मीमाते । प्रसन्न होऊनि आतां वर दे आम्हांते।। धृ. ।।
श्रीविष्णुकांते तव विश्वावरि सत्ता । स्थिरचर दौलत देसी लक्ष्मीव्रत करितां ।। १ ।।
जननी तुजऐसी या नाही त्रिभुवनीं । सुरवर वंदिती मस्तक ठेवुनि तव चरणी ।। २ ।।
कृपाप्रसादें तुझिया लाभे सुखशांति । चिंताक्लेशहि जाती नुरते आपत्ती ।। ३ ।।
वैभव ऐश्वर्याचें आणि अपार द्रव्याचें । देसी दान दयाळे सदैव सौख्याचे ।। ४ ।।
यास्तव मिलिंदमाधव आरती ओवाळी । प्रेमें भक्तिभावें लोटांगण घाली ।। ५ ।।
जयदेवी जयदेवी श्रीलक्ष्मीमाते ।।
लक्ष्मी जी आरती-
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥